Movie Review:-Mirzapur Season 3 (वेब सीरीज)
कलाकार:-पंकज त्रिपाठी , अली फजल , ईशा तलवार , श्वेता त्रिपाठी शर्मा , विजय वर्मा , रसिका दुग्गल और अंजुम शर्मा आदि
लेखक:-अपूर्वा धर बडगैंया
निर्देशक:-गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर
निर्माता:-फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी
रिलीज:-5 जुलाई 2024
रेटिंग:- 2.5/5
Trailer:-link
कहानी
मिर्जापुर 3 की सीजन 2 की समाप्ति के उपरांत आरंभ होती है, जिसमें मुन्ना भैया (दिव्येंदु शर्मा) का निधन हो चुका है, लेकिन उनकी मुख्यमंत्री पत्नी माधुरी (ईशा तलवार) अपने पति की हत्या का बदला लेने के लिए अपने राजनीतिक हथकंडों का प्रयोग कर रही हैं। वहीं शरद (अंजुम शर्मा) अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए मिर्जापुर की गद्दी हथियाने के लिए राजनीति और बाहुबल का मिश्रण कर रहे हैं। Mirzapur Season 3 की कहानी गोलू गुप्ता (श्वेता त्रिपाठी) से आरंभ होती है, जो घायल कालीन भैया (पंकज त्रिपाठी) की तलाश में हैं। वहीं, गुड्डू पंडित अपनी सनक और आतंक के बल पर मिर्जापुर की गद्दी पर बैठे हुए हैं।
किरदार
पहले और दूसरे सीजन की भांति Mirzapur Season 3 में भी किरदारों की भरमार है। इस वजह से निर्माता किसी भी किरदार को पूर्ण रूप से प्रस्तुत करने में कंजूसी दिखाते हैं। गुड्डू भैया के किरदार को अली फज़ल ने संभाला है, लेकिन मिर्जापुर की गद्दी पर बैठने के बाद उनका किरदार कहीं-कहीं बचकाना प्रतीत होता है। प्रत्येक एपिसोड में मुन्ना भैया और कालीन भैया की कमी महसूस होती है। पंकज त्रिपाठी को इतना कम रोल दिया गया है कि लगता है वह मिर्जापुर 3 में मर चुके हैं। बड़े त्यागी के रूप में विजय राज ठीक नजर आते हैं। वहीं, रसिका दुग्गल, श्वेता त्रिपाठी और अन्य कलाकारों ने संतोषजनक प्रदर्शन किया है।
मिर्जापुर 3 की कमी
यह सीरीज अपने हिंसा और बाहुबल की कहानी पर आधारित है। ‘एनिमल’ जैसी फिल्म के युग में मिर्जापुर 3 में पिछले दो सीजन की तुलना में हिंसा काफी कम है। मिर्जापुर 3 की चमक तब फीकी पड़ गई जब इस सीरीज में मुन्ना भैया की मृत्यु हो गई। वहीं, सीजन तीन में निर्माता ने कालीन भैया के किरदार को भी लगभग मृत ही दिखाया है। वे मिर्जापुर 3 में दिखाई तो देते हैं, लेकिन बहुत कम। यह वेब सीरीज केवल साइड कलाकारों और गुड्डू भैया की सनक पर आधारित है। एक समय के बाद मिर्जापुर 3 की कहानी इतनी नीरस लगने लगती है कि इसे फॉरवर्ड करके आगे देखने का मन करता है।
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वेब सीरीज का प्रभाव और वर्तमान स्थिति
देश में सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश को एक हिंसा-युक्त प्रदेश के रूप में दिखाने से लेकर अब भयमुक्त प्रदेश के रूप में प्रस्तुत करने में वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के प्रसारणकर्ता ओटीटी अमेजन प्राइम वीडियो और इसे बनाने वाली कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट ने शीर्षासन कर दिया है। अमेजन प्राइम वीडियो की भारतीय शाखा की प्रमुख रही अपर्णा पुरोहित की छुट्टी हो चुकी है। एक्सेल एंटरटेनमेंट में भी काफी उथल-पुथल चल रही है। नतीजतन, वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के सीजन तीन के रूप में सामने आई है। किसने सोचा होगा भला कि एक ‘भौकाल’ सीरीज का अंत ऐसा होगा। जी हां, यह सीजन देखकर ऐसा प्रतीत नहीं होता कि अब इस कहानी को चौथा सीजन नसीब होगा।
महिला पात्रों पर फरहान की विशेष कृपा
वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के तीसरे सीजन की कथा ने अपने पूर्ववर्ती दो सीजनों के प्रशंसकों को सर्वाधिक निराश किया है। फरहान अख्तर, मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स का हिस्सा बनने के साथ ही, इसके मुखिया केविन फाइगी की महिला पात्रों के प्रति हाल के वर्षों में विकसित सहानुभूति से अत्यधिक प्रभावित प्रतीत होते हैं। इस बार वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ का तीसरा सीजन भी इसलिए उन्होंने सीरीज के महिला पात्रों को समर्पित कर दिया है। मुख्यमंत्री बनीं माधुरी यादव पुनः सफेद साड़ी में प्रकट होती हैं लेकिन उत्तर प्रदेश को भयमुक्त प्रदेश बनाने और हर अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करते रहने के नारे के साथ अब उनके नए तेवर हैं। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि मुन्ना भैया के अंतिम संस्कार से ही सीरीज का तीसरा सीजन प्रारंभ होता है और उन्हें मुखाग्नि देने के प्रसंग से सीरीज के तीसरे सीजन की दिशा निर्धारित होती है।
कालीन भैया का ध्वस्त आभामंडल
वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के कट्टर प्रशंसक इस सीजन से अत्यधिक निराश होंगे। पंकज त्रिपाठी को पिछले सीजन में गंभीर रूप से घायल होते दिखाया गया था। उनके भविष्य को लेकर चिंतित दर्शकों को दिलासा और राहत सीरीज में काफी देर से मिलती है और जब तक मामला खुलता है, सीरीज का असल आकर्षण खो चुका होता है। पंकज त्रिपाठी के लिए वर्ष 2024 का यह तीसरा बड़ा झटका है। पहले उनकी फिल्म ‘मैं अटल हूं’ विफल रही। फिर नेटफ्लिक्स ने उनकी छवि का फिल्म ‘मर्डर मुबारक’ में अपमान किया और अब यह वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ का तीसरा सीजन। कालीन भैया इस कहानी में इस हश्र को प्राप्त होंगे, पहला सीजन देखते समय किसने सोचा होगा? इस सीजन में सीरीज के बाकी पात्रों का आभा मंडल भी धुंधला सा ही प्रतीत होता रहा। अटक अटक कर चलते अली फजल ही पूरी सीरीज में जो कुछ ऊर्जा है, वह बनाए रख पाते हैं। श्वेता त्रिपाठी ने तीसरे सीजन में अपने अभिनय में कुछ नया पाने का प्रयास ही नहीं किया है। रसिका दुग्गल के पास भी अभिनय का कोई नया रस नहीं बचा है दिखाने को।