अनिल कपूर की savi movie review 2024: हिंदी सिनेमा में अंग्रेजी कहानियों का नया आकर्षण

दिव्या खोसला कुमार अब केवल दिव्या खोसला हैं, अंग्रेजी वर्तनी में खोसला में एक अतिरिक्त एस के साथ। अंग्रेजी अंक शास्त्र में जरूरत से ज्यादा विश्वास करने वाले हिंदी सिनेमा के अंग्रेजी कहानियों के प्रति आकर्षण का नया उदाहरण है savi movie फिल्म का नाम उस उपन्यास के पहले पन्ने पर सावित्री को काट कर लिखा जाता है, जिसे फिल्म का एक प्रमुख किरदार पूरी फिल्म में लिखने की कोशिश करता रहता है। कहानी मूल रूप से फ्रेंच फिल्म ‘पू एला (एनीथिंग फॉर हर)’ और इसके अंग्रेजी रीमेक ‘द नेक्स्ट थ्री डेज’ से ली गई है। हिंदी में बनाते समय इसमें पुरुष पात्र को स्त्री पात्र और स्त्री पात्र को पुरुष पात्र में बदल दिया गया है।

संस्कृति से साजिश का भ्रम

फिल्म ‘सावि’ की कहानी एक पत्नी की अपने पति को जेल की ऊंची-ऊंची दीवारों से मुक्त कराने की मुहिम से शुरू होती है, जो उसे अस्पताल से भगाने की कोशिशों के साथ असफल हो जाती है। मूल फिल्मों में यह काम पति अपनी पत्नी को कैद से छुड़ाने के लिए करता है, लेकिन यदि वही कहानी यहां भी होती तो निर्माता मुकेश भट्ट की फिल्म ‘राज’ की तरह यहां भी सत्यवान और सावित्री की कहानी का धार्मिक रंग कैसे चढ़ता? ब्रिटेन के लिवरपूल में एक खुशहाल जिंदगी जी रहे भारतीय परिवार के घर में पुलिस घुसती है और पति को इस आरोप में गिरफ्तार कर लेती है कि उसने अपनी सहकर्मी का कत्ल कर दिया है। अदालती बहस का एक भी दृश्य फिल्म में नहीं है और न ही उसे कानूनी तौर पर छुड़ाने की कोई कोशिश होती है। मामला सीधे उस ‘मास्टर प्लान’ पर आ जाता है, जिसे पत्नी ने अपने घर की दीवार पर तैयार किया है। इन धागों की बुनावट सही करने में उसे उस अपराधी से मदद मिलती है, जिसे जेल तोड़कर भागने का अनुभव है और कैद से छूटने के बाद लिखी गई उसकी किताबें काफी लोकप्रिय हैं

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savi movie review 2024
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savi movie review 2024: नींव से ही कमजोर फिल्म

फिल्म ‘सावि’ के बारे में बात करने से पहले यह जानना आवश्यक है कि मूल फ्रेंच फिल्म ‘पू एला’ बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थी, जबकि इसकी अंग्रेजी रीमेक ‘द नेक्स्ट थ्री डेज’ सुपरहिट साबित हुई थी। निर्देशक अभिनय देव इससे पहले ‘देल्ही बेली’ बना चुके हैं और उन्होंने साबित किया है कि पारंपरिक हिंदी फिल्मों के प्रति उनका विशेष आकर्षण नहीं है। विदेशी फिल्मों को हिंदी में बनाने में निर्माता मुकेश भट्ट का कौशल रहा है। उनकी कंपनी विशेष फिल्म्स से अब उनके भाई महेश भट्ट अलग हो चुके हैं, इसलिए अब विशेष एंटरटेनमेंट के नाम से उनकी कंपनी ने यह नई फिल्म बनाई है। फिल्म ‘सावि’ अपनी नींव से ही कमजोर है। विदेश में पति को बचाने की कोशिशों में जुटी सावि के सामने जो चुनौती है, उसमें कोई विलेन नहीं है। और, परिस्थितियों को खलनायक बनाने की परवेज शेख की कोशिश काफी कमजोर है।

दिव्या खोसला की कोशिशें जारी

savi movie review 2024
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विदेशी धरती पर देसी दर्शकों को आकर्षित करने वाली कहानियों में सबसे बड़ी समस्या यह है कि फिल्म देखते समय दर्शकों को इससे कोई जुड़ाव महसूस नहीं होता है। दिव्या खोसला की इच्छा है कि वह एक काबिल अभिनेत्री बनें और वह अच्छा अभिनय भी करती हैं, लेकिन उनके अभिनय की अपनी सीमाएं हैं। मनोज कुमार की तरह बार-बार अपना हाथ चेहरे पर लाने की उनकी आदत है। नाट्यशास्त्र के नौ रसों का प्रकटन चेहरे के भावों से कैसे किया जा सकता है, इसकी बेसिक ट्रेनिंग अभी उन्हें लेनी बाकी है। ‘सावि’ का किरदार ऐसा है कि वह पल-पल रंग बदलता है और इस रंग बदलती दुनिया में इंसान की नीयत ठीक क्यों नहीं है, यह बताना फिल्म भूल जाती है। कानून तोड़ने की कोशिश करने वाले किरदारों को छोटे-छोटे कानूनों का पालन करते दिखाना जरूरी होता है ताकि जब वह बड़ा कानून तोड़ने की जिद में उलझें तो दर्शकों की भावनाएं उसकी भावनाओं से जुड़ सकें। पर, यह हो न सका और अब स्थिति यह है कि न फिल्म की कहानी असर करती है, न इसके किरदार और न ही इसका गीत-संगीत।

अनिल कपूर के लिए बनी ‘रेस 4’

फिल्म ‘सावि’ की पटकथा भी इसकी कमजोरी है। आगे-पीछे, पीछे-आगे भागती कहानी को निर्देशक अभिनय देव ने ऐसे बनाया है कि बस किसी तरह एक फिल्म पूरी हो जाए। न उन्हें एक अच्छी फिल्म बनाने में दिलचस्पी है और न ही बाकी कलाकारों में एक बेहतरीन फिल्म बनाने की कोई उत्सुकता नजर आती है। हर्षवर्धन राणे जैसे प्रतिभाशाली कलाकार को एक जूनियर आर्टिस्ट की तरह इस्तेमाल कर छोड़ दिया गया है। पिछले साल की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘एनिमल’ और इस साल के पहले महीने में रिलीज हुई फिल्म ‘फाइटर’ में चमके अनिल कपूर ने यह फिल्म क्यों की, वही बता सकते हैं। उनके परदे पर पहली बार आने से एक उम्मीद जागती है, लेकिन बार-बार रूप बदलकर उनका आना दर्शकों को और परेशान करता है। अनिल कपूर की हिंदी सिनेमा में एक खास पहचान रही है और फिल्म ‘सावि’ उस पर ‘रेस 3’ जैसा पानी फेर देती है।

savi movie में के के का आखिरी गाना!

फिल्म में अंग्रेजी कलाकारों की भरमार है। उनके बीच हिमांशी चौधरी की मेहनत ध्यान देने योग्य है। एम के रैना जब भी अपनी बेटी से वीडियो कॉल पर बातें करते हैं, अच्छे लगते हैं। चिन्मय सालसकर अपने कैमरे से और शान मोहम्मद अपने संपादन से फिल्म को इसकी कहानी के हिसाब से मदद करने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन, फिल्म के तीन गीतकार और चार संगीतकार मिलकर भी एक हिट गाना देने में असफल रहते हैं। अपने निधन से सिर्फ एक हफ्ते पहले रिकॉर्ड किया गया लोकप्रिय गायक के के का एक गाना भी फिल्म में है, लेकिन हड़बड़ी में बनी कहानी के बीच आया उनका गाना भी अपना असर छोड़ने में नाकाम रहता है।

Movie Review:-सावि
कलाकार:-दिव्या खोसला , हर्षवर्धन राणे , रागेश्वरी लुम्बा , एम के रैना , हिमांशी चौधरी , मैराज कक्कड़ और अनिल कपूर
लेखक:-परवेज शेख और असीम अरोड़ा
निर्देशक:-अभिनय देव
निर्माता:-भूषण कुमार , कृष्ण कुमार और मुकेश भट्ट
रिलीज:-31 मई 2024
रेटिंग:-1.5/5
ट्रेलर:-link

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