पंचायत सीजन 3: उम्मीदों पर खरा या फीका?

वेब सीरीज ‘पंचायत सीजन 3’ का तीसरा सीजन रिलीज हो गया है। लंबे इंतजार के बाद सचिव जी फिर से फुलेरा लौट आए हैं। लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले आई यह कहानी ओटीटी पर बनने वाली कहानियों के लिए एक नया उदाहरण है। पहले दो सीजन में ही ‘पंचायत’ ने एक मजबूत आधार बना लिया था, और अब इसके निर्माता इस नींव पर रंग भरने का काम कर रहे हैं। लेकिन, सीरीज का तीसरा सीजन ऑल वेदर प्रूफ पेंट की बजाय डिस्टेम्पर जैसा महसूस होता है। कहीं-कहीं तो इसका रंग और भी फीका पड़ जाता है। कहानी की गति भी धीमी है, जैसे किरदार ‘सितारा सिंह’। कहानी का मुख्य हिस्सा यह है कि जिस सितारा सिंह को लेकर यहां बड़ा हंगामा होना है, आखिरकार उसकी सवारी कौन करेगा? या वह खुद ही किसी गाने की धुन में मन ही मन गाकर दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देगा।

आईआईटी के इंजीनियरों का ‘भारत’: पंचायत सीजन 3

पंचायत सीजन 3
पंचायत सीजन 3

टीवीएफ कंपनी, यानी द वायरल फीवर, आईआईटी के उन इंजीनियरों का समूह है जिन्होंने इंजीनियरिंग छोड़कर मनोरंजन की दुनिया में कदम रखा है। इन्हें यह काम करते हुए एक दशक से भी ज्यादा हो गया है। अब तक ये हर तरह के किरदार निभा चुके हैं। कई प्रमुख कलाकार टीवीएफ छोड़कर अपनी कंपनियां खोल चुके हैं और जनता को यह बता रहे हैं कि ‘मामला लीगल है!’ आईआईटी खड़गपुर से पास आउट हुए सीरीज के हीरो जितेंद्र कुमार और आईआईटी मुंबई के छात्र रहे सीरीज के निर्देशक दीपक कुमार मिश्रा का ‘इंडिया’ को ‘भारत’ दिखाने का यह तीसरा प्रयास है। पहले सीजन की शुरुआत शानदार रही थी। दूसरे सीजन में उड़ान मुश्किल मौसम में फंस गई, और तीसरे सीजन में इसे अपने शुरुआती बिंदु पर लौटना पड़ा है। एक ग्राम पंचायत को चलाने में क्या होता है, इसे दिखाने के बजाय सीरीज के लेखक इस बार प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के चयन की कहानी में उलझ गए हैं। कहानी बहुत फिल्मी है और बहुत कमजोर।

याद है ‘शोले’ का टंकी वाला सीन: पंचायत सीजन 3

पंचायत सीजन 3
पंचायत सीजन 3

अमेजन प्राइम वीडियो की बहुचर्चित सीरीज ‘पंचायत’ हर बार अपने रिलीज होने पर खूब चर्चा में रहती है। इस बार भी इसके आते ही पूरा सीजन एक साथ देखे बिना चैन नहीं मिला। लेकिन पूरी रात देखने के बाद सुबह विचार करना पड़ा कि इस कहानी का मुख्य उद्देश्य क्या है? सचिव जी का ट्रांसफर रुकवाने के लिए प्रह्लाद को मैदान में उतरना पड़ा। उनके शहीद बेटे के नाम पर खुले पुस्तकालय का पूरे सीजन में शटर ही नहीं उठा और कौन भला जीने के ठीक सामने मूर्ति लगाता है? टंकी पुराण भी इस बार ‘शोले’ जैसा हो गया है। याद है ना वो डायलॉग, ‘मौत तुम्हारे सिर पर नाच रही है, कालिया!’ यहां, नीचे विधायक जी गब्बर बनने की कोशिश में लगे हैं और ऊपर टंकी पर राइफल ताने खड़े हैं प्रह्लाद चा।

एक बड़ा मौका चूक गई सीरीज: पंचायत सीजन 3

‘पंचायत’ का तीसरा सीजन एक उलझी हुई कहानी बनकर रह गया है। इसकी किसी भी उपकथा से दर्शक का भावनात्मक जुड़ाव नहीं हो पाता। ‘प्रधानजी’ को केवल एक बार डीएम से डांट पड़ती है कि जब प्रधान उनकी पत्नी हैं तो उनका नंबर क्यों है? देश भर में महिलाओं के लिए आरक्षित ग्राम पंचायतों में प्रधानों के पतियों का दखल अधिक होने की कहानी आम है। सचिव जी और रिंकी का प्रेम भी कार की पिछली सीट तक ही सीमित रहा है। दोनों टंकी पर जाकर चाय पीने की कोशिश में भी असफल रहे। सचिव जी का इस्तीफा हिंदी में लिखने के लिए गूगल सर्च करना भी दर्शकों को नहीं लगता कि वे इस बार भी ‘कैट’ निकाल पाए होंगे।

आसिफ खान बने सीजन 3 के हीरो

इस सीजन के असली हीरो बने अभिनेता आसिफ खान। याद है उनका दूल्हे का किरदार? पंचायत भवन में रुकी बरात के दौरान उनका और सचिव जी का दुश्मनी वाला रिश्ता। वे फुलेरा की बिटिया के साथ ग्राम दर्शन पर आए हैं, मथुरा की अपनी रिहाइश का भी जिक्र करते हैं और गांव के लिए महत्वपूर्ण मसले को सुलझाने के लिए ‘वॉलंटियर’ बन जाते हैं। कथा के हिसाब से वही इस कहानी के नायक हैं। उनकी पत्नी रीवना बनीं आंचल तिवारी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल हैं। फैसल मलिक ने बेटे के गम में डूबे पिता प्रहलाद का किरदार शानदार तरीके से निभाया है। इस बार बस यही एक किरदार है जिस पर दर्शकों की उम्मीदें टिकी रहती हैं। उनके दुख में दर्शक खुद को शरीक पाते हैं। फैसल मलिक की यह अदाकारी लंबे समय तक याद की जाएगी। इसके विपरीत, सीरीज के सीनियर कलाकार रघुवीर यादव और नीना गुप्ता के किरदारों में इस बार ऐसा कुछ खास नहीं है जिससे दर्शकों को संतुष्टि मिले। उनकी बिटिया बनी सान्विका का किरदार भी कमजोर है। भूषण के किरदार में दुर्गेश कुमार पिछली बार की तरह इस बार भी ‘पंचायत’ में बवाल मचाए हुए हैं। उनका मशहूर संवाद ‘देख रहा है बिनोद’ एक-दो बार और बोलते तो अच्छा होता। विधायक बने पंकज झा का किरदार भी बहुत फिल्मी हो गया है।

Movie Review:-पंचायत सीजन 3 (वेब सीरीज)
कलाकार:-रघुवीर यादव, नीना गुप्ता, जितेंद्र कुमार, सानविका, आसिफ खान, चंदन रॉय, फैसल मलिक, दुर्गेश कुमार आदि
लेखक:-
चंदन कुमार
निर्देशक:-दीपक कुमार मिश्रा
निर्माता:-टीवीएफ
ओटीटी:-अमेजन प्राइम वीडियो
रिलीज:-28 मई 2024
रेटिंग:- 2.5/5
ट्रेलर:- link

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